सचिन ने बताया कि मुंबई और तमिलनाडु के बीच 1999-2000 सीजन में वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल को इस चैंपियनशिप का अपना सबसे यादगार मैच करार दिया.
बड़ौदा के खिलाफ मुंबई के 500वें रणजी ट्रॉफी मैच के जश्न के लिए आयोजित समारोह में तेंदुलकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मै कहूंगा कि यह तमिलनाडु के खिलाफ 1999-2000 सेमीफाइनल था.’’
उन्होंने साथ ही बताया कि किस तरह मुंबई ने सफलतापूर्वक तमिलनाडु के पहली पारी के 485 रन के स्कोर को पार किया जब उनके साथ क्रीज पर अंतिम बल्लेबाज संतोष सक्सेना थे.
उस मैच में दोहरा शतक जड़ने वाले तेंदुलकर ने कहा कि अंपायरों के गेंद बदलने के बाद यह अचानक रिवर्स स्विंग करने लगी.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने क्रीज के बाहर खड़ा होना शुरू किया और हेमंग बदानी गेंदबाज को प्वाइंट से तमिल में कहता था कि मैं बाहर खड़ा हूं. इसके बाद जब गेंदबाज रन अप शुरू कर देता तो मैं वापस क्रीज में चला जाता. मैंने मैच के बाद बदानी से कहा कि मुझे तमिल समझ आती है.’’ मुंबई ने यह मैच आठ विकेट से जीता.
तेंदुलकर ने साथ ही कहा कि रणजी मैचों में मुंबई की सफलता का प्रतिशत 47 है जो बेहतरीन है.
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